हरिद्वार:आईआईटीयन से बाबा स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद बने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का गुरुवार को एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया. वे गंगा नदी की सफाई को लेकर आमरण उपवास पर थे. इस अभियान में प्रोफेसर की सहायता करने वाले स्वामी दयानंद के अनुसार प्रोफेसर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते दोपहर 1 बजे उन्होंने प्राण त्याग दिए.
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गौरतलब है कि गंगा में खनन और जल विद्युत परियोजनाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ 87 वर्षीय प्रोफेसर 22 जून 2018 से आमरण उपवास पर थे, इस दौरान वे मात्र पानी और शहद का सेवन कर रहे थे. उन्होंने हरिद्वार में मत्री सदन आश्रम में 22 जून को अपना उपवास शुरू किया था, गंगा नदी की रक्षा करने वाले कानून की मांग करते हुए और गंगोत्री से उत्तरकाशी के बीच गंगा को अपने प्राकृतिक रूप में निर्बाध प्रवाह बनाए रखने की मांग को लेकर उन्होंने यह उपवास किया था.
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बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पर्यावरण इंजीनियरिंग में पीएचडी धारक ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है. वे गंगा नदी को अपनी माँ और स्वयं को भागीरथ का वंशज मानते थे और इसी माँ के लिए किए गए अपने उपवास को ही उन्होंने तपस्या का नाम दिया था.
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