केंद्र सरकार चाहती थी कि जीएसटी के दोहरे नियंत्रण पर छठी बैठक में कोई नतीजा निकल आये तो इसे अगले वित्तीय वर्ष के आरम्भ में 1 अप्रैल से लागू किया जा सके. लेकिन 11 और 12 दिसंबर को दो दिन होने वाली यह बैठक पहले दिन के बाद ही खत्म कर दी गई. रविवार का पूरा समय प्रस्तावित कानून के प्रावधानों पर चर्चा में ही निकल गया.हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने कहा कि जीएसटी को तय तारीख 1अप्रैल 2017 से लागू करना मुश्किल है. वैसे अभी नई कर व्यवस्था लागू करने के लिए 16 सितंबर 2017 तक का समय है.
रविवार को बैठक बेनतीजा रहने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘जीएसटी कानून के मसौदे में 195 धाराएं हैं. चूंकि यह कानून का मुख्य विधेयक है. अब तक हम 99 धाराओं पर चर्चा कर चुके हैं. कुछ प्रावधानों को फिर से बनाने की जरूरत है. हम इसमें और बदलाव करेंगे. उम्मीद है कि अगली बैठक में इसे हम मंजूरी दे देंगे. केंद्र सरकार जीएसटी को एक अप्रैल से लागू करने के अपने रुख पर कायम है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 22 और 23 दिसंबर को होगी.
उधर, केरल के वित्त मंत्री थॉमस ईसाक ने नोटबंदी से राज्यों के विश्वास को गहरा धक्का लगने की बात कही. एक अप्रैल से इसे लागू नहीं कर पाएंगे. अब जीएसटी सितंबर से ही लागू हो सकता है. तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने भी मिलेजुले ही विचार व्यक्त कर कहा कि कानून की कई धाराओं को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. दोहरे नियंत्रण पर सहमति बने बिना जीएसटी लागू नहीं किया जा सकता है.