हरमिंदर साहिब में देसी घी पर जीएसटी की मार

हरमिंदर  साहिब में देसी घी पर जीएसटी की मार
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अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब में रोजाना लाखों श्रद्धालुओं के लंगर पर लगाया जा रहा जीएसटी का मुद्दा दिनोदिन गंभीर होता जा रहा है .इसके विरोध में स्वर उभरने लगे हैं. हरिमंदिर साहिब में देसी घी पर जीएसटी की मार ज्यादा ही पड़ रही है.

बता दें कि पंजाब सरकार ने राज्य का जी.एस.टी. माफ कर गेंद अब केन्द्र सरकार के पाले में डाल दी है. जबकि केन्द्र सरकार श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर पर जी.एस.टी. हटाने को लेकर अभी तक असमंजस में है.2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह मामला चुनावी मुद्दा भी बन सकता है. यह मामला अब प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंच गया है.

उल्लेखनीय है कि अमृतसर की जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देसी घी पर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है .यदि ऐसा हो जाए तो श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर पर लगने वाला जी.एस.टी. का भार बहुत ही कम हो जाएगा. बता दें कि श्री हरिमंदिर साहिब में लंगर भवन से जुड़ी कुल 20 वस्तुओं पर पहली जुलाई 2017 से 31 जनवरी 2018 तक जी.एस.टी. वसूला गया. इनमें केवल देसी घी पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. है.  देसी घी पर केन्द्र सरकार जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दे या फिर हटा दे तो धर्म संकट व विवादों से बच सकती है. ऐसे में देश भर में कई धार्मिक स्थलों से जी.एस.टी. हटाने की मांग उठ सकती है. यही कारण है कि केंद्र पशोपेश में है.

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