13 सितम्बर को सभी लोग गणेश जी को अपने घर लेकर आयेंगे. आप सभी इस बात से बखूबी वाकिफ ही होंगे कि 13 सितम्बर को दुनियाभर के लोग गणेश चतुर्थी के जश्न में डूब जाएंगे और सभी के घर का माहौल भी आनंदमय होगा. ऐसे में गणेश चतुर्थी को लोग कलंक चतुर्थी के नाम से भी पुकारा जाता है. कहते हैं कि गणेश जी को घर में लाने से सारे विघ्न दूर हो जाते हैं. आपको बता दें कि चतुर्थी तिथि 12 सितंबर को अपराह्न में शुरू होगी और वह फिर 13 सितंबर को अपराह्न तक बनी रहेगी. इसका एक नुकसान भी होगा जो यह होगा कि इस दौरान गणेश जी के भक्तों को चंद्रमा के दर्शन से बचना होगा. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर झूठा कलंक लग जाएगा. अगर आप इस कलंक के बारे में नहीं जानते हैं तो आप कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ सकते हैं जिससे आपको इसके बारे में जानकारी मिल जाएगी. अगर आप कलंक से बचना चाहते हैं तो आपको हर दूज को चाँद देखना चाहिए. आइए आज बताते हैं कि आप किस तरह की मनोकामना पूर्ति के लिए कौन-से गणेश जी को पूज सकते हैं.
गणेश चतुर्थी 2018: कदमा में बनेगा 100 साल के इतिहास का सबसे भव्य पंडाल
दुश्मनों से बचने के लिए आप पीली कांति वाले गणेश जी की पूजा कर सकते हैं.
अपने वश में अगर आप किसी को करना चाहते हैं तो आप अरुण कांतिमय गणेश जी का पूजन कर सकते हैं.
किसी के मन में अपने लिए प्रेम लाना हो तो आप लाल रंग के गणेश जी का पूजन कर सकते हैं.
अगर आप धन पाना चाहते हैं तो हरे रंग के गणेश जी की पूजा कर सकते हैं.
मोक्ष प्राप्त करने के लिए आप सफेद रंग के गणपति की पूजा कर सकते हैं.
नागदा में बाप्पा के भक्तो के लिए खुशखबरी, अब छाेटे व मंझले पंडालों के लिए नहीं लगेगी अनुमति
केवल एक वक्त नहीं बल्कि आपको गणेश जी का पूजन दीं भर में तीनो वक्त करना होगा तभी आपको सफलता मिलेगी, साथ ही आपको पूजा के दौरान 21 मोदक चढ़ाने होंगे और ‘विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि', मंत्र का जाप करना होगा.
इस दिशा में सूंड वाले गणपति होते हैं शुभ
गणेश चतुर्थी 2018: यदि इस गणेश चतुर्थी में किया इन मंत्रों का जाप तो मिलेगा मनचाहा वरदान