पटना : कहते हैं माता-पिता का दर्ज़ा भगवान से भी ऊपर होता है. लेकिन आज कल के युवा तेज़ी से बदलते इस दौर में ये सभी बातें भूलने लगे हैं, और जरा-जरा सी बात पर अपनों से नाराज़ होकर घर से भाग जाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा पटना से सामने आया है, जहां एक लड़की अपने घर वालों से नज़र होकर घर से भाग गई. लेकिन घर से भागना उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा, इस बात का उसे जरा भी इल्म नहीं था. घर वालों से नाराज़ होना उसे किस हद तक मंहगा पड़ेगा और उसे इस बात की क्या कीमत चुकानी होगी ये वह नहीं जानती थी.
दरअसल मामला ये है कि घर वालों से नाराज़ होकर घर से भागी एक युवती जब वापिस अपने घर जा रही थी तभी ट्रेन में सवार 5 नेपाली युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया. ये सभी दुष्कर्मी नेपाल के घनुषा जिले के बरमझिया गांव के निवासी हैं और अहमदाबाद में मजदूरी करने जा रहे थे.
जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी निवासी पीड़िता घर से भाग कर जयनगर गयी थी, जहाँ से वह जयनगर-दरभंगा एक्सप्रेस से वापिस दरभंगा आ रही थी. उसी के बाजू में बैठे नेपाली मूल के युवक ने उस अकेली युवती को देख उसकी परेशानी को भांपते हुए उससे बात-चीत करना शुरू किया. दोनों में जल्दी ही दोस्ती हो गई. हालांकि युवक की मंशा कुछ और थी जिसे युवती नहीं समझ सकी और उसकी बातों में आ गयी. जब ट्रेन दरभंगा पहुंची और यार्ड में खड़ी हो गयी तब, युवक ने पीड़िता को अपनी बातों में उलझा कर उसे उसी ट्रेन के बाथरूम में ले गया, जहां पहले से उस युवक के 4 अन्य दोस्त मौजूद थे. वहां पहुंचते ही पांचो दरिंदो ने दरिंदगी की सीमा को पार करते हुए पीड़िता की आबरू को तार-तार कर दिया.
अपनी हवस की प्यास बुझाने के बाद भी जब आरोपियों का दिल नहीं भरा तो पीड़िता को डरा-धमका कर अपने साथ ही दरभंगा से साबरमती एक्सप्रेस में ले जाने लगे. लेकिन जैसे ही वह ट्रेन में सवार हुए तो एक यात्री को शक हुआ और उसने समझदारी दिखाते हुए तुरंत ही जीआरपी को सूचित किया. सूचना पाते ही जीआरपी के जावन वहां पहुंचे और पांचो को धर दबोचा और सभी को दरभंगा जीआरपी के हवाले कर दिया गया है. पुलिस ने जानकारी दी की यात्री की सूझ-बूझ और त्वरित जानकारी देने के कारण ही आरोपियों को पकड़ा जा सका. पकडे जाने के बाद भी सभी आरोपी अपने आप को निर्दोष बता रहे थे, लेकिन जब CCTV फुटेज खंगाले गए तो उसके अनुसार सभी ट्रेन में सवार हुए थे.