टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कहना है कि मौजूदा भारतीय टीम के खिलाड़ियों का सीनियर या पूर्व क्रिकेटर्स से आंकलन करना सही नहीं है. मौजूदा दौर के इन खिलाड़ियों को अभी अधिक समय देने की आवश्यकता है, तभी उनकी तुलना टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ियों से की जा सकती है. शनिवार को एक इंटरव्यू में गांगुली ने कहा, 'दो पीढ़ियों की तुलना करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन हर पीढ़ी में गावस्कर, कपिल देव, तेंदुलकर जैसे चैंपियन सामने आए हैं और मैं समझता हूं कि कोहली इस पीढ़ी के चैंपियन हैं. मौजूदा भारतीय टीम के खिलाड़ियों को सात से आठ वर्षों तक का समय देने की आवश्यकता है क्योंकि हम 15 साल खेलने के बाद गांगुली, द्रविड़ या सचिन बन पाए थे.
सौरव गांगुली ने कहा, 'कोहली और धोनी 10 से 11 वर्ष खेले हैं, लेकिन रहाणे, रोहित या मुरली विजय को इंटरनेशनल लेवल पर खेलते हुए अभी चार या पांच साल ही हुए हैं. मेरे हिसाब से पूर्व खिलाड़ियों से उनकी तुलना करना काफी जल्दबाजी होगीमेरी पीढ़ी की मुख्य विशेषता यह थी कि उस समय सहवाग, द्रविड़, सचिन, लक्ष्मण, गांगुली, हरभजन, कुंबले जैसे खिलाड़ी थे. वे 100 से अधिक टेस्ट मैच खेल चुके थे, जो यह दर्शाता है कि वे बेहतरीन खिलाड़ी थे.
'गांगुली के मुताबिक, 'एक स्तर पर लंबे समय तक खेलने से पता चलता है कि आप कितने अच्छे खिलाड़ी हैं. एक बार यह लड़के उस स्तर तक पहुंच जाएं तो तुलना करना आसान हो जाएगा.' वहीं कप्तान विराट कोहली के आक्रामक रवैये के बारे में गांगुली ने कहा, 'हर चीज में नकारात्मकता देखना सही नहीं. मैदान पर कोहली का आक्रामक रवैया कई बार खिलाड़ियों के सिर दबाव को कम करता है.'
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