लखनऊ : सामूहिक बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि कथित सामूहिक बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ पहली नजर में मामला बनता है. इस मामले में वह एक अभियुक्त हैं. न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष राज्य सरकार ने कहा कि जांच, शिकायतकर्ता के बयानों और दूसरे गवाहों की गवाही के आधार पर प्रजापति के खिलाफ पहली नजर में मामला बनता है.
राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में सामूहिक बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापतिको लेकर कहा है कि निचली अदालत ने प्रजापति सहित विभिन्न अभियुक्तों के खिलाफ आरोप निर्धारित किये हैं और अब इस मामले में मुकदमे की सुनवाई प्रगति पर है. हलफनामे में कहा गया है कि इस मामले में प्रजापति के खिलाफ आरोप निर्धारित करने को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है और शीर्ष अदालत को भी इसे खारिज कर देना चाहिए.
गौरतलब है कि प्रजापति प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में कद्दावर नेता और मंत्री के रूप में जाने जाते थे मगर 2016 में मुलायम-अखिलेश विवाद के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था.
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