बढ़ते सड़क हादसे के बाद अब सरकार ने सभी वाहनों में विशेषकर स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम्स को अनिवार्य कर दिया है मगर सरकार ने बसों, टैक्सियों में GPS आधारित व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा पैनिक बटन लगाने की तिथि को आगे बढ़ाते हुए इसे 1 अप्रैल, 2019 तक के लिए बढ़ा दिया है. इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.
18 अप्रैल को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि "मोटर वाहन एक्ट, 1988 के उपबंध "ए" के उप उपबंध (3) की धारा 110 के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार सभी सार्वजनिक वाहनों को केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 125 एच (वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा एक या अधिक इमरजेंसी बटन लगाने) से एक अप्रैल, 2019 तक के लिए छूट प्रदान करती है."
सरकार ने सार्वजनिक वाहनों-बसों, टैक्सियों आदि में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस तथा इमरजेंसी पैनिक बटन लगाने संबंधी अधिसूचना 28 नवंबर, 2016 को जारी की थी. 1 अप्रैल, 2018 से यह लागू भी हो गई थी. लेकिन इसे व्यावहारिक धरातल पर उतारना संभव नहीं हो पा रहा था. ऐसे में विभिन्न शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने इसकी तिथि को आगे बढ़ाना बेहतर समझा है.
अधिसूचना के अनुसार नए वाहनों में डिवाइस निर्माता स्वयं फिट करेगा या डीलर की ओर से फिट की जाएगी. परंतु पुराने वाहनों में डिवाइस लगाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी और भारी संशय था. जिन टैक्सी वालों ने इस साल मार्च में टैक्सी खरीदी है उन्हें नए नियम की जानकारी नहीं थी. ट्रांसपोर्ट यूनियनों के अलावा विभिन्न राज्यों से संबंधित आरटीओ ने इस संबंध में आ रही दिक्कतों से सड़क मंत्रालय को अवगत कराया था.
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