जयपुर : पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर जिले में 15 मई से शुरु होने वाला गुर्जरों का आरक्षण आंदोलन और महापड़ाव अगले एक के लिए टल गया है.इससे फौरी तौर पर राज्य की वसुंधरा सरकार को राहत मिल गई है . हालाँकि दूसरी ओर सीएम वसुंधरा राजे ने यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने से आंदोलन नहीं करने की अपील की है.
बता दें कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 15 मई से अड्डा गांव में महापंचायत शुरु होने की घोषणा की थी .तब सरकार ने किरोड़ी बैंसला सहित अन्य गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों को सोमवार को बातचीत के लिए जयपुर बुलाया था. इस बैठक में देर रात तक चली बातचीत में सरकार ने कुछ लिखित प्रस्ताव रखे .सरकार ने वार्ता को सकारात्मक बताया. वहीं, गुर्जर प्रतिनिधियों ने वार्ता को बेनतीजा बताते हुए सरकार के प्रस्ताव को महापंचायत में रखने का फैसला लिया गया.
उल्लेखनीय है कि अगले दिन मंगलवार दोपहर को महापंचायत में गुर्जर समाज के लोगों ने अड्डा गांव में जुटना शुरु भी हो गए थे .जहाँ सरकार का प्रस्ताव पढ़कर सुनाया जा रहा था.तभी मौसम बिगड़ गया और आंधी चलने लगी.कर्नल बैंसला ने 23 मई को पीलूपुरा में गुर्जर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद महापड़ाव करने की घोषणा कर दी और यह आंदोलन एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ गया. इससे सरकार को तनिक राहत तो मिली है, लेकिन मुक्ति नहीं .
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