भारत में हनुमान जयंती को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन यदि विधि-विधान के साथ हनुमान जी की पूजा की जाती है, तो वह अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते है. इस वर्ष हनुमान जयंती 31 मार्च को आने वाली है, तो आइये जानते है हनुमान जी के जन्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें व इनके पूजा करने का विधि-विधान क्या है?
हनुमान जी की जन्म कथा- माना जाता है कि चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी ने माता अंजना के गर्भ से जन्म लिया था. अपने जन्म के बाद जब हनुमान जी को जोरों की भूख लगी, तो सूर्य देव को एक स्वादिष्ट फल जानकर वह उन्हें खाने के उद्देश्य से आकाश में उड़ चले व सूर्य को अपने मुख में रख लिया, जिससे समस्त सृष्टी में अंधकार व्याप्त हो गया तभी इंद्र देव ने अपने वज्र से हनुमान जी पर वार किया, जिससे उनकी हनु अर्थात ठोड़ी टेढ़ी हो गई. तभी से बजरंगबली जी को हनुमान नाम से जाना जाता है, इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा होने के कारण इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है.
हनुमान जयंती की पूजा विधि- हनुमान जयंती पर जो व्यक्ति व्रत रखते है, उन्हें व्रत की पूर्व रात्रि ब्रहमचर्य का पालन करना आवश्यक है. अगले दिन प्रातः भगवान राम, माता सीता व हनुमान जी का स्मरण करें तत्पश्चात स्नानादि कर हमुमान जी की प्रतिमा का विधि पूर्वक पूजन करने के बाद हनुमान आरती गाकर हनुमान चालीसा व बजरंग बाण का पाठ करें. इसके बाद आप चाहें तो सुंदरकांड का पाठ भी करवा सकते है. हनुमान जी की पूजा के लिए आप गेंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी फूल, सिंदूर, चन्दन, धूप, अगरबत्ती, शुद्ध घी आदि पूजन सामाग्री का उपयोग कर सकते है. इस दिन चमेली के तेल का दीपक जलाना विशेष फलदायी होता है. हनुमान जी को भोग लगाने के लिए गुड़, भीगे चने, बेसन के लड्डू आदि का उपयोग कर सकते है.
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