संकट मोचन हनुमान हर परिस्थिति में अपने भक्तों की सहायता करते है, आपने हनुमान जी के कई मंदिर देखे होंगे जिसमे वह अपने अलग अलग रूपों में अपने भक्तों को दर्शन देते है किन्तु क्या आपने हनुमान जी का कोई ऐसा मंदिर देखा है जिसमे वह अपनी पत्नी के साथ अपने भक्तों को दर्शन देते है. इस बात को जानकर आप भी हैरान हो गए. क्योंकि सभी जानते है की हनुमान जी तो ब्रम्हचारी है उनकी पत्नी कहाँ से आ गई. किन्तु यह सत्य है. आइये आगे जानते है?
इस मंदिर के विषय में ऐसा माना जाता है हनुमान जी जब सूर्यदेव से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और उनकी सम्पूर्ण शिक्षा पूर्ण हो गई थी किन्तु एक अंतिम ज्ञान शेष था जो केवल विवाहित को ही दिया जा सकता था. किन्तु हनुमान जी तो ब्रम्हचारी थे जिससे उनके अन्दर दुविधा उत्पन्न हो गई की इस शेष ज्ञान को वह कैसे प्राप्त करें. तब हनुमान जी को दुविधा में देखकर सूर्यदेव से रहा नहीं गया और उन्होंने हनुमान जी को दुविधा से निकालने के लिए अपनी पुत्री सुवर्चला का विवाह पूरे विधि विधान के साथ हनुमान जी से कर दिया.
पराशर संहिता में बताया गया है कि हनुमान जी ने अपने जीवन में कभी भी विवाह नहीं करने का प्रण लिया था तथा उनकी पत्नी सुवर्चला भी एक तपस्विनी थी. दोनों के विवाह के पश्चात हनुमान जी की पत्नी अपनी तपस्या के लिए चली गई और हनुमान जी ने विवाह की शर्त पूरी करके अपने अधूरे ज्ञान को पूर्ण किया किन्तु उन्होंने गृहस्थ जीवन में प्रवेश नहीं किया.
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