सभी लोग जानते है की हनुमान जी को अमरता का वरदान प्राप्त है जो उन्हें माता सीता ने प्रसन्न होकर दिया था और आज भी हनुमान जी इस धरती पर विद्यमान है लेकिन यह कोई भी नहीं जानता की उनका निवास स्थान कहाँ है? इस बात का केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है. शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी का निवास स्थान गंधमादन पर्वत है इसी पर्वत के किसी स्थान पर हनुमाज जी का निवास स्थान है एक बार द्वापरयुग में जब पांडवों को 13 वर्ष का वनवास हुआ था तब वह अपने अज्ञातवास के अंतिम समय में गन्धमादन पर्वत पर आये थे जहाँ पर हनुमान जी ने भीम के अहंकार का नाश किया था.
शास्त्रों के अनुसार एक बार पाण्डवों को सहस्त्रदल कमल की आवश्यकता पड़ी जिसे लेने के लिए उन्होंने भीम को भेजा जब भीम हिमवंत पार कर गन्धमादन पर्वत पर पहुंचे. तब उनके मार्ग में हनुमान जी ने अपनी पूँछ रख दी जिसे देख भीम ने हनुमान जी से कहा की हे वानर अपनी इस पूंछ को हटाओ. तब हनुमान जी ने भीम से उस पूँछ को स्वयं हटाने के लिए कहा लेकिन भीम उस पूँछ को हिला भी नहीं पाए जिसके कारण भीम ने हनुमान जी को पहचान लिया और अपने अहंकार की उनसे क्षमा मांगी.
गन्धमादन पर्वत के विषय में कहा जाता है कि इसके शिखर पर पहुंचना बहुत ही कठिन है क्योंकि यहां कई सिद्धहस्त पुरुष, गन्धर्व, किन्नर आदि निवास करते है. कहा जाता है कि इस पर्वत पर महर्षि कश्यप ने अपनी साधना पूर्ण की थी. इस गन्धमादन पर्वत पर जाने के लिए कैलाश पर्वत की उत्तर दिशा के मार्ग से जाना होता है.
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