जीवन में हर कोई चाहता है की उसका खुदका मकान हो, वह और उसका परिवार खुद की छत के नीचे अपना जीवन-यापन करें। और जब यही सपना पूरा होता है, आप अपने घर का निर्माण कर रहे होते है तो मन में बहुत सारे सपने होते हैं कि हमारा नया घर ऐसा होगा, हर तरफ खुशहाली होगी और भी बहुत से सपने मन में संजोये रहते हैं लेकिन आमतौर पर हर घर की कहानी यही होती है कि घर में मनमुटाव या फिर झगड़े जैसी परेशानी तो पैदा होती ही है। अगर आप भी घर का निर्माण कर रहे है और चाहते है की आपका घर हमेशा खुशहाली से भरा रहे तो इसके लिए जरूरी है की आप वास्तुपुरूष को खुश करें। जी हां तो चलिए जानते हैं की किस तरह हम वास्तु पुरूष को खुश कर सकते हैं।
वास्तव में वास्तु पुरूष हर मकान का स्वयंभू संरक्षक होता है। उसे भवन का प्रमुख देवता माना जाता है। वेदों में बताया गया है कि स्वयं ब्रह्मा ने वास्तुपुरूष की रचना की और उसे आशीर्वाद दिया कि संसार में हर निर्माण के अवसर पर तुम्हारी पूजा अनिवार्य होगी अन्यथा वह निर्माण शुभ फलदायी नहीं होगा। यही वजह है कि हर मकान, हर निर्माण के आधार में वास्तु पुरूष का वास होता है। मकान की निरंतर सुरक्षा का भार इस वास्तु पुरूष पर ही होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु पुरूष के मुख से हर समय तथास्तु निकलता रहता है। इसका कारण यह है कि वास्तु पुरूष अपने घर में रहने वाले हर व्यक्ति की इच्छा पूरी करना चाहता है। आपने हमेशा सुना होगा कि घर के बड़े-बुजर्ग कहते हैं, बुरी बात मुंह से नहीं निकालना चाहिए, शुभ-शुभ बोलो, 32 दांत की जबान कब लग जाए, क्या पता? इसकी वजह यही है कि वास्तु पुरूष का आशीर्वाद हर समय उसके मुंह से निकलता है और वह कब, किस बात पर स्वीकृति की मुहर लगा दे, क्या ? इसीलिए हमेशा अच्छा बोला जाए, तो वास्तु पुरूष के आशीर्वाद से सब शुभ ही होता है।
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