नई दिल्ली: आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म दिवस है जिन्हें हम युग पुरुष के नाम से भी जानते है जिन्होंने अपना सारा जीवन राजनीती में लगा दिया. अटल जी एक ऐसी हस्ती है जिनको पूरा देश नमन करता है. अटल जी पहले ऐसे भारतीय प्रधान सेवक भी रहे है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र संघ को पहली बार हिंदी में संबोधित कर गौरवान्वित भी किया. वही हम आपको बता दे कि अटल जी कि पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद, कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में है. वही उन्हें भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया है .
बता दे कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक थे, उनकी मां कृष्णा जी थीं. वैसे मूलत उनका संबंध उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर गांव से है लेकिन, पिता जी मध्य प्रदेश में शिक्षक थे. इसलिए उनका जन्म वहीं हुआ. लेकिन, उत्तर प्रदेश से उनका राजनीतिक लगाव सबसे अधिक रहा. प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वो सांसद रहे थे.
1996 में उनकी सरकार सिर्फ एक मत से गिर गई और उन्हें प्रधानमंत्री का पद त्यागना पड़ा. यह सरकार सिर्फ 13 दिन तक रही. बाद में उन्होंने प्रतिपक्ष की भूमिका निभायी. इसके बाद हुए चुनाव में वो दोबारा प्रधानमंत्री बने. दो दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों को मिलाकर उन्होंने एनडीए बनाया जिसकी सरकार में 80 से अधिक मंत्री थे, जिसे जम्बो मंत्रीमंडल भी कहा गया.
आपको बता दे कि सबसे पहले 1955 में अटल जी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बाद में 1957 में गोंडा की बलरामपुर सीट से जनसंघ उम्मीदवार के रूप में जीत कर लोकसभा पहुंचे. उन्हें मथुरा और लखनऊ से भी लड़ाया गया लेकिन हार गए. अटल जी ने बीस साल तक जनसंघ के संसदीय दल के नेता के रूप में काम किया. मोरारजी देसाई की सरकार में अटल जी को विदेशमंत्री बनाया गया. उन्होंने अपनी राजनीतिक कुशलता की छाप छोड़ी और विदेश नीति को बुलंदियों पर पहुंचाया.
बाद में 1980 में जनता पार्टी से नाराज होकर पार्टी का दामन छोड़ दिया. इसके बाद बनी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में वह एक थे. उसी साल उन्हें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी. इसके बाद 1986 तक उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष पद संभाला. उन्होंने इंदिरा गांधी के कुछ कार्यों की तब सराहना की थी, जब संघ उनकी विचारधारा का विरोध कर रहा था.
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई पुरस्कारों को भी हासिल किया-
-1992 : पद्म विभूषण
-1993 : डी लिट (कानपुर विश्वविद्यालय)
-1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार
-1994 : श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार
-1994 : भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार
-2014 दिसम्बर : भारत रत्न
-2015 : डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)
-2015 : 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड', (बांग्लादेश सरकार द्वारा प्रदत्त)
-2015 : भारत रत्न.
अटल बिहारी वाजपेयी जी कि कुछ प्रमुख प्रकाशित रचनाये-
-मृत्यु या हत्या
-अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)
-कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
-संसद में तीन दशक
-अमर आग है
-कुछ लेख: कुछ भाषण
-सेक्युलर वाद
-राजनीति की रपटीली राहें
-बिन्दु बिन्दु विचार आदि.
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कई ऐसे कार्य किये जिनपर आज भी उनका नाम है
-सौ साल से भी ज्यादा पुराना कावेरी जल विवाद सुलझाया गया.
-संरचनात्मक ढाँचे के लिये कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया गया.
-राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास, नई टेलीकॉम नीति और कोकण रेलवे की शुरुआत की गई.
-राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति का गठन किया गया.
-आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतों को नियतन्त्रण में रखने के लिए मुख्यमन्त्रियों का सम्मेलन.
-उड़ीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत.
-आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट को समाप्त किया गया.
-ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजनाकी शुरुआत.
पीएम ने की इंदिरा के कार्यकाल से तुलना
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