भारत के जम्मू कश्मीर प्रांत में जन्में हाशिम कुरैशी का जन्म 1 अक्टूबर 1953 में हुआ था। हाशिम मुख्य रूप से कश्मीर में एक अलगाववादी नेता हैं, इसके अलावा कुरैशी कश्मीर की विभिन्न राजनैतिक पार्टीयों में भी सक्रिय भूमिका में अपना काम कर रहे हैं। वे मुख्यत: कश्मीरी राजनैतिक संगठनों में से एक संगठन में हैं जो कि कश्मीर में राजनैतिक गतिविधियों के माध्यम से सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण ढ़ंग से निपटाने और उनका समाधान निकालने के लिए कार्य करता है।
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कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न रहे कुरैशी मुख्य रूप से एक अलगाववादी नेता हैं और उन्होेंने स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए हिंसा का मार्ग न अपनाकर हमेशा ही शांतिपूर्ण ढंग से काम किया है। वहीं उनका मानना है कि किसी भी तरह की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई झगड़ा ही एकमात्र विकल्प नहीं है। इसके अलावा भी देश में शांति बनाए रखने के लिए और भी मार्ग हैं। वहीं कुरैशी जी ने महात्मा गांधी, मार्टन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला जैसे महापुरूषों के बारे में जानकर और पढ़कर ये निर्णय लिया कि वे भी अहिंसा के मार्ग पर नहीं चलकर कश्मीर में अमन और शांति से ही अपनी राजनीति करेंगे।
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हालांकि कुरैशी शुरू से ही कश्मीर में ही रहना चाहते थे लेकिन उनके उपर कई बार लूट, अपहरण, जैसेे मामले भी लगाए गए जिससे वे कई बाद जेल भी गए। इसके अलावा पाकिस्तान में भी उनके उपर कई आरोप प्रत्यारोप लगाए गए और उन्हें भारतीय एजेंट भी कहा गया। इसके अलावा भी उन्होंने भारत के जम्मू कश्मीर में राजनैतिक पार्टी के संगठनों से जुड़कर शांति से अपनी लड़ाई जारी रखी।
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