हाल ही में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में आए परिणाम के बाद सत्ता का ड्रामा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीजेपी को सरकार बनाने के न्यौता दिए जाने के बाद आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुलवाने वाली कांग्रेस की याचिका पर चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला मुख्यरूप से राज्यपाल का होना चाहिए, साथ ही इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों के समक्ष के दो विकल्प रखे.
अपने सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पहले विकल्प के तौर पर यहाँ कहा कि राज्यपाल के द्वारा किए गए फैसले के बाद कांग्रेस की राज्यपाल के खिलाफ दायर की गई याचिका पर विस्तृत बहस के बाद फैसला हो वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल ही बहुमत परिक्षण हो, जिसके बाद स्थिति साफ़ हो जाए.
बता दें, कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त रूप से दायर याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोडबे की खंडपीठ कर रही है, वहीं कांग्रेस की तरफ से इस केस की पैरवी अभिषेक मनु सिंधवी और कपिल सिब्बल कर रहे है. वहीं बीजेपी के वकील जनरल मुकुल रोहतगी है.
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