ऐसे तो हनुमानजी के बहुत सारे प्रतिष्ठित व प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में अपने कभी नहीं सुना होगा. जबलपुर खारीघाट स्थित प्रतिमा इनमें खास पहचान रखती है. प्रतिमा 600 साल से भी अधिक पुरानी है. प्रतिमा पर कटावदार रोएं बने हुए जों पवनपुत्र के भीगे हुए बालों को दर्शाते हैं.
प्रतिमा में अंजनी नंदन शनि देव को पैरों के नीचे दबाए हुए हैं. प्रतिमा बिल्कुल जीवित अवस्था में प्रतीत होती है. रामायण के दौरान मंदिर स्थल का वातावरण बिल्कुल बदल जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान वीर हनुमान स्वयं मंदिर स्थल पर फेरा लगाने के लिए आते हैं.
खारीघाट पर पीपल के वृक्ष के नीचे आकर खड़े हो गए. प्रतिमा की जीवंतता अब भी लोगों के अविश्वास को विश्वास में बदल देती है. नर्मदा तीर्थ ग्वारीघाट के समीप खारीघाट में हनुमानजी की प्रतिमा पर बालों के रोएं अब भी ऐसे दिखते हैं मानों वे नहाकर निकले हों. मान्यता है कि प्रतिमा स्थल पर अब भी हनुमानजी फेरा लगाने आते हैं.