आज यानी 14 मार्च का दिन हिंदी सिनमा के इतिहास में बेहद ख़ास हैं. अब आप यह सोच रहे होंगे कि आज आमिर खान का जन्मदिन है या शायद कई लोग यह सोच रहे होंगे कि आज बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी का जन्मदिन है या शायद फिर कई लोग यह भी सोच रहे होंगे कि आज एक्ट्रेस फरीदा जलाल का जन्मदिन है. लेकिन, हम आपको बता दे कि आज का दिन हिंदी सिनेमा के लिए इन सब सितारों के जन्मदिन से भी बढ़कर ख़ास है. आइये जानते हैं कि आखिर हिंदी सिनेमा में क्यों ख़ास है आज यानी 14 मार्च का दिन...
हिंदी सिनेमा को आज ही के दिन ठीक 87 साल पहले 14 मार्च 1931 को पहली बोलती हुई फिल्म मिली थी. फिल्म का नाम था 'आलम आरा'. यह फिल्म आज ही के दिन 1931 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म की रिलीज के समय इसके प्रति काफी दीवानगी देखने को मिली थी. सिनेमाघरों के बाहर दर्शकों को काबू करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. फिल्म रिलीज के दो माह तक हाउसफुल थी. फिल्म की कहानी एक राजकुमार और एक जिप्सी लड़की के प्रेमसंबंधों पर आधारित थी.
खास बात यह है कि इस फिल्म से ही हिंदी सिनेमा को अपना पहला गाना भी मिला था, जिसके बोल थे दे दे खुदा के नाम पर. इस गीत को गायक वजीर मोहम्मद ने अपनी आवाज दी थी. इस गाने को केवल दो ही वाद्ययंत्र हारमोनियम और तबला के साथ रिकॉर्ड किया गया था. हिंदी सिनेमा की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' में मुख्य कलाकार के रूप मे मास्टर विट्ठल, जुबैदा, महबूब खान और पृथ्वीराज कपूर नजर आये थे. फिल्म की अवधि 124 मिनट थी. फिल्म 6 मिलियन डॉलर यानी करीब 39 करोड़ रुपये में बनी थी. फिल्म की कुल कमाई 44 मिलियन डॉलर थी.
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