भारत में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है इन्ही त्यौहारों में से एक होली का त्यौहार है, जो जो प्रतिवर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. भारत में इस त्यौहार के कई मायने है तंत्र साधक इसे तंत्र साधना के लिए उपयुक्त मानते है. साधारणतः इसे रंगों व सौहाद्रता का त्यौहार माना जाता है इस दिन होलिका दहन के पश्चात रंगों का उपयोग किया जाता है. इस वर्ष भी होली का त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाया जाएगा इस वर्ष होलिका दहन 1 मार्च को किया गया, जिसका शुभ मुहूर्त सायंकाल 6:26 से रात्रि के 8:55 तक था. जिसकी शुभ अवधि 2:29 तक थी. तथा पूर्णिमा 1 मार्च को सुबह के 8:57 से 2 मार्च को सायंकाल 6:21 तक रही थी.
हिन्दू धार्मिक परंपरा के अनुसार होलिका दहन के समय इसकी अग्नि में आहुतियों का बहुत महत्व है माना जाता है कि, यदि होलिका की अग्नि में किसी प्रकार की आहुति दी जाती है तो इससे व्यक्ति के जीवन की कई प्रकार की समस्याओं का अंत हो जाता है तथा उसके पापों का भी नाश होता है. यदि व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार होलिका में आहुति देता है तो इससे उसके विभिन्न प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है तो आइये जानते है किस राशि के व्यक्ति को होलिका में किस चीज की आहुति देना चाहिए....
राशियों के अनुसार...
मेष व वृश्चिक राशि के व्यक्ति होली में गुड़ की आहुति देते है तो इससे उन्हें विशेष लाभ होता है. तथा वृष राशि के व्यक्तियों को होली में चीनी की आहुति देना शुभ होता है.
मिथुन व कन्या राशि के व्यक्तियों को कपूर की आहुति देना चाहिए तथा कर्क राशि के व्यक्ति होली में लौंग व लोहबान की आहुति दे सकते है जिससे उनके कष्टों का नाश होता है.
सिंह राशि के व्यक्ति गुड़ व तुला राशि के व्यक्तियों को कपूर की आहुति देना श्रेष्ठ होता है तथा धनु व मीन राशि के लोगों को जौ और चने की आहुति देना चाहिए.
मकर राशि व कुंभ राशि के व्यक्तियों को होली में तिल की आहुति देना बहुत ही लाभकारी होता है.
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