नई दिल्ली : जिस तरह से पीएम नरेन्द्र मोदी ने पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित तथा बलूचिस्तान को लेकर बयान दिया है, अब उसी तरह से गृह मंत्रालय भी मोदी की बात को अमली जामा पहनाने की दिशा में अग्रसर हो गया है। बताया गया है कि मोदी सरकार न केवल पीओके रिफ्यूजी को जम्मू-कश्मीर में बसाने की तैयारियां कर रही है वहीं मोदी ने विदेश मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों से यह भी कह दिया है कि वह पीओके व गिलगित के लोगों से सतत संपर्क में रहे। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पीओके के रिफ्यूजी को जम्मू कश्मीर में बसाने और अन्य कुछ महत्वपूर्ण मामलों को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी दिनों में होने वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारित कराया जायेगा।
2 हजार करोड का फंड होगा जारी
बताया गया है कि पीओके के रिफ्यूजी को जम्मू कश्मीर में बसाने के प्रस्ताव को न केवल हर हाल में पारित कराने का प्रयास किया जायेगा, वहीं प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने के लिये मोदी सरकार 2 हजार करोड का फंड भी जारी करने पर विचार कर रही है। हालांकि अभी इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है, परंतु समझा जा रहा है कि जिस तरह से पीएम मोदी ने बयान दिया है, गृह मंत्रालय उसे पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास करने में जुट गया है।
अत्याचारों के है शिकार लोग
गौरतलब है कि पीओके के साथ ही बलूचिस्तान और गिलगित में रहने वाले लोग पाकिस्तानी सरकार द्वारा किये जाने वाले अत्याचार के शिकार है। इसी मामले को पीएम मोदी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर दिये गये भाषण में प्रमुखता के साथ उठाया था।
बताया गया है कि केन्द्र की मोदी सरकार ऐसे ही पीड़ित परिवारों की सहायता के लिये फंड जारी करने की बात पर गंभीरता से विचार कर रही है। करीब 36 हजार से अधिक परिवार जम्मू कश्मीर से पीओके में जाकर बस गये थे। यह बात देश बंटवारे के अलावा 1965 तथा 1971 के दौरान की है।