सुप्रीम कोर्ट का सवाल बेघरों का कैसे बनेगा आधार कार्ड ?

सुप्रीम कोर्ट का सवाल  बेघरों का कैसे बनेगा आधार कार्ड ?
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नई दिल्ली : आधार को हर सरकारी योजना में लागू करने पक्षधर केंद्र सरकार उस समय सकते में आई गई जब देश की शीर्ष अदालत की सामाजिक न्याय पीठ ने रैन बसेरों पर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया कि लाखों बेघरों जिनके पास स्थाई पता नहीं है, वो अपना आधार कैसे बनवाएंगे.

उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में करीब 17 लाख अर्थात आबादी का कुल 0.15 प्रतिशत बेघर लोग हैं. जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की सामाजिक न्याय पीठ ने सख्त लहजे में सरकार से पूछा कि क्या ऐसे लोग भारत सरकार के लिए मायने नहीं रखते.

बता दें कि इस मामले में कोर्ट मे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को समन भेज प्रदेश में रैन बसेरों की कमी का कारण स्पष्ट करने के निर्देश दिए. दरअसल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि क्या आधार कार्ड बनवाने के लिए स्थाई पते की आवश्यकता पड़ती है जिसके जवाब में यूपी सरकार ने सहमति दी थी.

वहीँ दूसरी ओर यूपी सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने सरकार के लिए बेघर लोगों का कोई अस्तित्व ही नहीं होने को गलत बताते हुए कहा कि अधिकतर शहरी बेघर देश के ग्रामीण इलाकों से आए हैं जहां उनके पैतृक गांव में उनका स्थाई पता होगा जिससे वो आधार बनवा सकते हैं.

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