अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने 'वर्ल्ड रिपोर्ट 2018' अपनी रिपोर्ट में मौजूदा केंद्र सरकार पे कड़ा रुख अपनाते हुए लिखा है कि "धार्मिक हिंसा के मामलें में केंद्र सरकार अल्पसंख्यंकों के न्याय के लिए बिलकुल असफल रही है, साथ ही बीते साल 2017 अल्पसंख्यंकों पे लगातार गौ-हत्या, मांस, और मज़हब विवाद के कारण कुल 10 हत्याएं हुई है. जिसमें पीड़ित वर्ग हमेशा मुसलमान रहा है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार त्वरित या विश्वसनीय जांच करने में असफल रही जबकि कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने हिंदू प्रभुत्व और कट्टर-राष्ट्रवाद को सार्वजनिक रूप से बढ़ावा दिया, जिसने हिंसा को और बढ़ाया.
'ह्यूमन राइट्स वॉच' की इस रिपोर्ट में आरएसएस का भी जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'जुलाई में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आखिरकार इस तरह की हिंसा की निंदा किए जाने के बाद भी भाजपा के एक संबद्ध संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ’गौ-तस्करी और लव-जिहाद रोकने’ के लिए पांच हज़ार ’धार्मिक सेनानियों’ की भर्ती की घोषणा की. हिंदू समूहों के मुताबिक कथित लव-जिहाद हिंदू महिलाओं से शादी कर उन्हें इस्लाम धर्म में शामिल करने का मुसलमान पुरुषों का षडयंत्र है.'
रिपोर्ट में आगे लिखा है कि, हमलें करवाने में जिन संगठनों के नाम सामने आते है, उनको किसी न किसी रूप में केंद्र सरकार का समर्थन होता है. या ये, वे लोग होते है, जो भाजपा की विचारधारा को फॉलो करते है. इस रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के आलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के हनन और कानून व्यवस्था के नाम पर इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के मामले का भी जिक्र किया गया है.वर्ल्ड रिपोर्ट के 28वें संस्करण ह्यूमन राइट्स वॉच ने दुनिया के 90 से ज़्यादा देशों में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट दी है.
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