बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक माह से भी कम समय में 103 उपग्रहों को एक साथ लांच करने की तैयारी कर रहा है. इसरो का कहना है कि उसका मकसद कोई रिकार्ड बनाना नहीं है बल्कि वह अधिकतम क्षमता हासिल करना चाहता है. इसरो के अध्यक्ष एएस किरन कुमार ने बुधवार को कहा कि हम हर लांच के साथ अपनी क्षमता बढ़ाना चाहते हैं. प्रत्येक लांच को सर्वाधिक उपयोगी बनाना चाहते हैं और बदले में उससे अधिकतम हासिल करना चाहते हैं. इस बार के प्रक्षेपण में कुल 103 उपग्रहों में से सौ उपग्रह विदेशी हैं.
इसरो का उपग्रहों को ले जाने वाले यान पीएसएलवी-सी37 में तीन भारतीय उपग्रहों में से कारटोसैट-2 सीरीज 730 किलो का प्राइमरी पेलोड ले जाएगा. इसके अलावा, 30-30 किलो के वजन वाले भारतीय उपग्रह आइएनएस-आइए और आइएनएस-आइबी भी प्रक्षेपित किए जाएंगे. इसरों के एक अधिकारी ने बताया कि पहले तय हुआ था कि जनवरी के आखिरी हफ्ते में 83 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा जिसमें 80 विदेशी होंगे. लेकिन अब 20 विदेशी उपग्रह और बढ़ जाने से इन्हें फरवरी के पहले हफ्ते में प्रक्षेपित किया जाएगा.
कुमार ने बताया कि भविष्य में भी इसरो अधिक से अधिक लांच करना चाहेगा. उन्होंने बताया कि अगले प्रक्षेपण के तहत हमारे खुद के कार्टोसेट 2 श्रृंखला के उपग्रहों के साथ विभिन्न कंपनियों के कई उपग्रहों का प्रक्षेपण होने वाला है और इसके फौरन बाद हमारे पास जीएसएलवी मार्क 3 और मार्क 2 है, पहले तीन महीनों में हम यह लक्ष्य कर रहे हैं, लेकिन इसके अलावा हम हर महीने एक प्रक्षेपण के लिए काम करने की कोशिश भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन सबका लक्ष्य क्षमता बढाना है. हालांकि, हमारे पास कई उपग्रह हैं पर जरुरी सेवाओं के लिए हमें कई और की भी जरुरत है.
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