वास्तुशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के घर की सीढ़ियां उसके जीवन के उतार चढ़ाव को प्रभावित करती है. यही सीढ़ियां व्यक्ति के सौभाग्य और दुर्भाग्य का कारण भी हो सकती है. इसलिए सीढ़ियों का निर्माण कराते समय इसके वास्तु का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है. आज हम आपको सीढ़ियों के विषय में कुछ ऐसी जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आप सीढ़ियों के वास्तु दोष से बच सकते है.
सीढ़ियों की सही दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के घर की सीढ़ियां हमेशा दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है यदि सीढ़ियां उत्तर दिशा में या उत्तर-पूर्व दिशा में होती है तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकती है. किन्तु यदि यह उत्तर-पश्चिम दिशा में हो तो शुभफलदायी होती है.
विषम संख्या
आपको अपने घर की सीढ़ियों की संख्या का भी ध्यान रखना जरूरी है इसकी संख्या हमेशा विषम होना चाहिए जैसे 5,7,9,11 आदि. क्योंकि वास्तु शास्त्र का कहना है कि विषम संख्या की सीढ़ियाँ हमेशा घर में खुशियाँ लाती है.
पर्याप्त रौशनी हो
आपको अपने घर की सीढ़ियां ऐसी जगह बनाना चाहिए जहाँ सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में आता है. सीढ़ियां हमेशा चौड़ी होना चाहिए. क्योंकि यहीं से माता लक्ष्मी का आगमन होता है. जिससे आपके मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती है और आपके सभी कार्य सिद्ध होते है.
मुख्य दरवाजा
आपके घर की सीढ़ियां आपके घर के मुख्य दरवाजे के सामने कभी नहीं होना चाहिए. क्योंकि घर के सामने बनी सीढ़ियां आपके घर में अशुभता का कारण होती है जिससे आपके परिवार की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है और कई प्रकार के रोग आपके घर में प्रवेश करते है.
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