हर व्यक्ति अपने जीवन में स्वयं के मकान का सपना देखता है. लेकिन जब वह अपने इस सपने को पूर्ण कर लेता है, तो वास्तु दोष के कारण उसके जीवन में कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं, जिसके कारण वह अपने नवनिर्मित मकान में सुखी पूर्वक अपना जीवन यापन नहीं कर पाता है. कई बार व्यक्ति को अपने मकान में वास्तु के इन दोषों की जानकारी नहीं हो पाती, जिसके कारण वह इनका उपाय ढूँढने में असमर्थ होता है. आज हम आपको इसी से सम्बंधित कुछ बातें बताएँगे जिसके माध्यम से आप अपने मकान के वास्तु दोष को जानकर उसे दूर कर सकते हैं, तो आइये जानते हैं मकान के वास्तुदोष होने के कारण व्यक्ति को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वास्तु दोष सम्बंधित रोग
सर्दी, जुकाम आदि – जब व्यक्ति के मकान के बाहर के स्थल पर वास्तु दोष होता है, तो वह या उसके परिवार के लोग सर्दी, जुकाम जैसी समस्या से पीड़ित होते हैं.
डायबिटीज – जिस व्यक्ति के मकान के अग्नि कोण और ईशान कोण में कोई वास्तु दोष होता है, तो उसे डायबिटीज होने की अधिक संभावना होती है और यदि वह पूर्व से ही इस रोग से पीड़ित है, तो इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है.
उच्च रक्तचाप – जब व्यक्ति के मकान का उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी भाग वास्तु दोष से ग्रसित होता है, तो घर में निवास करने वाले व्यक्ति को उच्च रक्तचाप और हीन भावना जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है.
वास्तु दोष दूर करने के उपाय
यदि अपने घर के भीतर और बाहर लाफिंग बुद्ध जो आशीर्वाद मुद्रा में होते है, रखते है तो यह घर के वास्तु दोष को दूर करता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें की लाफिंग बुद्ध का मुख बाहर की तरफ होना चाहिए.
घर के बीम पर विंडचाइम लगाकर आप इसके वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं.
यदि आपके घर में भगवान गणेश की एक से अधिक मूर्ती है, तो इनमे से किसी एक की ही पूजा आपको करना चाहिए.
फेंगशुई के अनुसार यदि मकान की दक्षिण दिशा में घोड़े की तस्वीर लगाना वास्तु दोष को कम करता है.
यदि आपके घर में श्री यंत्र रखा हो, तो इसे अपने घर के मंदिर में ही रखना चाहिए.
अपने मकान के मुख्य द्वार पर काली हल्दी व रोली से नौ इंच लंबा और नौ इंच चौड़ा स्वास्तिक बनाना उचित होता है.
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