वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को सुबह उठते ही दर्पण में खुद को नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है जिससे उसका सम्पूर्ण दिन अच्छा नहीं बीतता. क्योकि रात्री के समय व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में आ जाता है जो की सुबह भी होता है.
व्यक्ति को यदि सुबह-सुबह शंख या किसी मंदिर की घंटी की आवाज सुनाई देती है तो इससे उसके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो व्यक्ति के दिन को शुभ बनाती है.
व्यक्ति को अपने शयनकक्ष में सकारात्मकता का प्रतीक मानी जाने वाली तस्वीर जेसे नारियल,शंख,मोर,हंस,या फूल आदि लगाना चाहिए जिससे सुबह उठते ही उनके दर्शन से सकारात्मकता का प्रभाव आपपर पड़े.
सुबह उठकर व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने अराध्य को याद करना चाहिए जिससे उसके ऊपर की नकारात्मकता का प्रभाव समाप्त होता है और उसका दिन शुभ होता है.
व्यक्ति को सुबह उठकर सर्वप्रथम अपनी हथेली के दर्शन करना शुभ माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति का दिन अच्छा बीतता है.
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