शुरू से ही हिन्दू धर्म में पुत्री के विवाह के लिए मां-बाप को परेशान देखा गया है. पुत्री जहां ज्यादा बड़ी नहीं हो पाती वहीं उसकी शादी कि चिंता पहले लग जाती है. कई सारे व्यक्ति अपनी पुत्री का समय पर विवाह न हो पाने की वजह से काफी परेशान रहते है. रिश्ता न होने की वजह से धीरे-धीरे समय निकलता जाता है, उसी प्रकार से समस्या के साथ दु:ख एवं चिंता भी बढने लगती है. इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अनेक व्यक्ति अनेक ज्योतिषियो से संपर्क करके उपाय जानने का प्रयास करते है. यह सरल प्रयोग इस प्रकार के लोगों की समस्या को सुलझाने में सहायक हो सकता है.
इस प्रयोग में सम्बन्धित कन्या अपनी माहवारी के 5वें दिन के पश्चात कुल 80 खारक ले आए. इसके साथ ही एक बड़ा सप्तरंगी मोटा डोरा भी ले आये. इसके बाद वह 80 में से 40 खारकों को सप्तरंगी धागे में गांठकर एक माला बनाएँ. 40 शेष खारकों को एक पात्र में रख लें. उसके बाद वह कन्या उस माला को एवं पात्र को श्री गणेशजी के मंदिर में ले जाए. साथ ही कुछ फूल-प्रसाद एवं पूजन की सामग्री साथ रखे. उस सामग्री को श्री गणेशजी के मंदिर मे वह उनके समक्ष रखे. आखरी में खारक की माला श्री गणेश को चढ़ाये और अपने कल्याण की कामना करके, उस पात्र को अपने साथ ले आए.
उस पत्र को घर में सहेज कर रखे. इस पात्र में से हर तीसरे दिन वह एक-एक खारक खाए. प्रभु की कृपा बरसने से उस कन्या का रिश्ता जल्द ही पक्का हो जायेगा. जिस कन्या का विवाह न हो रहा हो उसे 21 बुधवार तक लगातार हर परिस्थिति में गाय को अपने हाथों से हरा धनिया खिलाना चाहिए. जहां वह सोती हो, वहां पर इलायची युक्त चमेली के तेल का दीपक भी नित्य पांच मिनट के लिए जलाना चाहिए. इन उपयो से उन्हें परिणाम शीघ्र ही मिलने लगेंगे.
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