भले ही सूर्यास्त के बाद पान नहीं खाने की सलाह दी गई हो, क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता या दुर्भाग्य आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन पान का महत्व इसके बाद भी कम नहीं आंकना चाहिये। पान देवी देवताओं की पूजा पाठ में रखना आवश्यक होता है क्योंकि बगैर पान रखे पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।
इसके अलावा यदि आपके काम हमेशा बिगड़ते है या किसी काम को करने के लिये निकलते है और काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो फिर यही पान आपके काम बना सकता है। हालांकि पान का एक पत्ता ही जेब में रखकर घर के बाहर निकलना होगा और वह भी रविवार के दिन।
रविवार के दिन पान का साबूत एक पत्ता अर्थात बगैर कत्था, चूना या मसाला वाला ही पान जेब में रखकर निकलना होगा। ईश्वर ने चाहा तो बिगड़ा हुआ काम अवश्य ही बन जायेगा।