व्यक्ति की कुंडली में कई प्रकार के ग्रह दोष हो सकते है, इन्ही में से एक कालसर्प दोष भी है. इस दोष का नाम सुनते ही कई लोग डर जाते है, की अब क्या होगा? लेकिन हम आपको बता दें, की जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें डरने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है, बस आपको इस मंदिर में जाकर पूजा करना है. जिससे आपके कालसर्प दोष का निवारण हो जाएगा.
उत्तरा काशी की सीमा पर सेम नागराज का एक मंदिर है, जो व्यक्ति की कुंडली के कालसर्प दोष को दूर करता है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की नागराज के रूप में पूजा की जाती है. माना जाता है, की इस मंदिर के जल से यदि स्नान किया जाता है, तो व्यक्ति का कुष्ठरोग भी दूर हो जाता है. इस मंदिर के विषय में मान्यता है, की कालिया नाग को दर्शन देने के अपने वचन को पूर्ण करने के लिए द्वापर युग में भगवान कृष्ण इस स्थान पर आकर मूर्ती के रूप में विराजमान हो गए. उत्तराखंड के इस मंदिर को पांचवा धाम भी कहा जाता है.
यह वचन भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को तब दिया था, जब उनके बाल रूप में खेलते समय उनकी गेंद यमुना नदी में गिर गई थी व जिसे लेने के लिए भगवान कृष्ण यमुना नदी में कूद गए थे. जहां उन्होंने कालिया नाग से युद्ध कर उसे पराजित कर यमुना नदी से दूर जाने के लिए कहा था. तथा कालिया नाग के पूंछे जाने पर उसे उतराखंड के रामोलिगढ़ जाने का आदेश दिया था. तभी कालिया नाग ने भगवान कृष्ण से वहां आकर दर्शन देने का वचन मांगा था. कहा जाता है, जो भी व्यक्ति इस मंदिर में जाकर भगवान कृष्ण की नागराज के रूप में पूजा करता है, उसकी कुंडली के कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है व मंदिर के जल में स्नान करने से कुष्ठरोग जैसी बिमारी भी ठीक हो जाती है.
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