जब भी हम किसी की कब्र पर जाते हैं, तो चादर, फूल व अगरबत्ती लेकर जाते है और कब्र पर फूल, चादर, चढ़ाकर अगरबत्ती जलाते है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कब्र के विषय में बताएँगे जिस पर चादर, फूल और अगरबत्ती नहीं बल्कि जूते व चप्पल से उस कब्र की पिटाई की जाती है. यह एक हैरान करने वाली सच्चाई है आइये जानते है इसके पीछे क्या कारण है?
यह अनोखी कब्र इटावा जिला मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दूर इटावा - बरेली राज मार्ग पर स्थित है. माना जाता है कि इटावा के बादशाह ने भोलू सैय्यद के कहने में आकर अटेरी के राजा पर आक्रमण कर दिया, जिसके कारण दोनों राज्य के रिश्तों में दरार उत्पन्न हो गई. लेकिन जब बादशाह को इस बात की जानकारी लगी कि इन सब के पीछे भोलू सैय्यद का हाथ है, तो बादशाह ने क्रोध में आकर भोलू सैय्यद को सजा सुना कि जब तक भोलू सैय्यद के प्राण उसके शरीर से निकल नहीं जाते उसे जूतों व चप्पलों से पीटा जाए.
तब से इस परंपरा का प्रारंभ हुआ. जिसे आज लगभग 500 वर्ष पूर्ण हो चुके है और अब यह मकबरा भी जर्जर हो गया है. लेकिन आज भी इस मार्ग से गुजरने वाले लोग यहाँ आकर इस कब्र की जूते चप्पल से पिटाई करते है. इसके पीछे मान्यता है कि इससे इटावा - फर्रुखाबाद – बरेली की यात्रा बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाती है. इसी कारण से व्यक्ति यहाँ आकर अपने व अपने परिवार की सुरक्षित यात्रा के लिए भोलू सैय्यद की दरगाह पर आकर कम से कम 5 जूते या चप्पल तो मारता ही है.
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