हाल ही में बीएस-3 वाहनों पर भारी छुट आने के कारण लोग बीएस-3 वाले वाहनों को खरीदने लिए टुट पड़े हैं लेकिन अगर आपने यह वाहन खरीद लिया हैं तो आप पछताएंगे।
जानें यें चार बातें-
1. दरअसल, 2020 तक देश में बीएस 6 नॉर्म्स को लागू कर दिया जाएगा। ऐसे . में आपके अभी खरीदे गए बीएसी 3 व्हीकल्स की रीसेल वैल्यू बिल्कुल कम हो जाएगी। इसके अलावा एक जोखिम यह भी है कि जब देश में बीएस 4 व्हीकल्स के आने के कुछ साल बाद बीएस 3 गाड़ियों के डिस्पोजल का अनिवार्य नियम बन गया तो आपको इसे कबाड़ बनाकर ही बेचना पड़ेगा।
2. सरकारी नियम के मुताबिक, 1 अप्रैल 2017 के बाद बीएस-3 वाहनों की रजिस्ट्री नहीं होगी। ऐसे में ये जरूर देख लें कि जो वाहन खरीदा है, उसके कागजों में 31 मार्च के बाद की तारीख न हो। अगर ऐसा हुआ तो आपका वाहन बेकार हो जाएगा। क्योकि 1 अप्रैल के बाद जब आप रजिस्ट्रेशन कराने जाएंगे तो आपको ये प्रमाण देना होगा कि आपने ये वाहन 1 अप्रैल 2017 से पहले खरीदा है।
3. एक और ध्यान देने वाली बात ये है, 2020 तक वाहनों के लिए बीएस 6 उत्सर्जन नियम लागू कर दिए जाएंगे। ऐसे में आप जिस बीएस-3 वाहन की कीमत बिल्कुल कम हो जाएगी। एक स्थिति में ही बीएस-3 वाहनों की रिसेल वैल्यू बढ़ेगी। अगर सरकार इस बाबत कोई पॉलिसी लागू कर दे। जिसकी संभावना कम है। ऐसे में आज के वक्त में लगाया हुआ पैसा, 3 साल बाद नुकसान का सौदा भी लग सकता है।
4. कोर्ट ने यह भी कहा कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के अनुपात में संख्या कम हो, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य को ताक पर नहीं रखा जा सकता। दरअसल-सरकार का नए वाहनों पर जोर है, जिसके लिए 1 जनवरी 2014 को नोटिफिकेशन जारी हुआ था, जिसमें कंपनियों को बीएस-4 लागू करने के निर्देश दिए गए। नया नियम 1 अप्रैल, 2017 से लागू हो गया है।
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