अगर होना चाहते हैं आप बिज़नेस में सफल तो आपके लिए ये गृह हो सकता है लाभकारी

अगर होना चाहते हैं आप बिज़नेस में सफल तो आपके लिए ये गृह हो सकता है लाभकारी
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हर व्यक्ति हर काम नहीं कर सकता है। सबकी अलग-अलग कार्यक्षमता व मानसिक स्थिति होती है। उसी के अनुरूप अपना कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए। कुछ लोगों को जॉब करना अच्छा लगता है तो कुछ को जॉब देना अच्छा लगता है। लोगों को आप जॉब तभी दे सकते जब आप बिजनेस करेंगे और बिजनेस में आप सफल तभी हो सकते है जब कुण्डली में बिजनेस से सम्बन्धित ग्रह, भाव व योग प्रबल हो।

दशम भाव व दशमेश का सम्बन्ध आपकी जीविका से होता है। द्वितीय, द्वतीयेश व एकादश भाव, एकादेश का भी कुण्डली में मजबूत होना आवश्यक होता है। क्योंकि द्वतीय व द्वतीयेश का सम्बन्ध धन से होता है एंव एकादशेश व एकादश भाव का रिलेशन लाभ से होता है। व्यापार में धन व लाभ का विशेष महत्व है। धन नहीं होगा तो बिजनेस कर पाना मुश्किल है और धन अच्छे से नहीं आयेगा तो बिजनेस करने से फायदा क्या। यदि एकादश भाव व एकादशेश बलवान नहीं है तो व्यापार में लाभ नहीं होगा। वैसे मूलतः व्यापार के लिए बुध व बृहस्पति ग्रह का शुभ होना अच्छा माना जाता है लेकिन व्यापार किस चीज से सम्बन्धित है। इसके लिए प्रत्येक ग्रह की अलग-अलग क्षेत्र में विशेष भूमिका है। 

1-यदि आप राजनीति, चिकित्सा क्षेत्र, विद्युत विभाग, होटल मैनेजमेन्ट, रेलवे विभाग, आभूषण खरीदना-बेचना, रत्न बेचना, विद्युत उपकरण, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर, कपड़े का कार्य, वाहनों का क्रय-विक्रय, पुस्तक भण्डार, अनाजों का खरीदना-बेचना आदि प्रकार के व्यवसाय करने के लिए जन्मपत्री में सूर्य ग्रह शुभ व बलवान आवश्यक है। 

2-यदि आप बागवानी का कार्य, कृषि कार्य, तरल पदार्थो का व्यापार, आयुर्वेदिक दवाओं का व्यापार, बिजली की दुकान, मोटर पार्टस पेट्रोल पम्प, कोल्ड डिंक, पानी, संगीत एकाडिमी, होटल, रेस्टोरेन्ट, मिटटी का कार्य, ठेकेदारी, किसी भी क्षेत्र में दलाली, कैरोािन आयल, प्रकाशन, दूध की डेरी आदि व्यवसाय करना चाहते है तो कुण्डली में चन्द्रमा का बलवान होना बहुत जरूरी है। 

3-अगर आप कम्यूटर के क्षेत्र में साफ्टर, हार्डवेयर, इलेक्ट्रानिक, भूमि, मेडिकल, पेट्रोल पम्प, सर्जरी का सामान, कोर्ट-कचहरी, ठेकेदारी, मेडिकल की दुकान, धर्म उपदेशक, औषधि निर्माण कारखाना, आदि किसी प्रकार का बिजनेस करना चाहते है तो उसके लिए मंगल ग्रह का मजबूत होना जरूरी है और साथ में मंगल का दशम, दशमेश व लाभ भाव से सम्बन्ध होना आवश्यक है। 

4- पर्यटन, टेलीफोन, तम्बाकू, पान मसाला, कत्था, किमाम, पुस्तक के थोक विक्रेता, दूर संचार विभाग की ठेकेदारी, रेलवे के पार्टो का कारखाना, चूडि़यों का व्यापार, कपड़े का व्यापार, हरी वस्तुओं का व्यापार, मार्केटिंग का बिजनेस तथा फर्नीचर आदि का व्यवसाय आपके लिए लाभप्रद रहेगा। इसके लिए बुध ग्रह का शुभ व ताकतवर होना बहुत जरूरी है तभी आप सफल हो पायेंगे। 

5- यदि आप सम्पादन कार्य, थोक विक्रेता, पूजन भण्डार, पान की दुकान, मिठाई की दुकान, इत्र का कार्य, फिल्म मेकर, भूमि का क्रय व विक्रय, आभूषण के विक्रेता, पीली वस्तुओं का व्यापार, वक्ता, नेता, शिक्षा और शेयर आदि का व्यवसाय करना चाहते है तो गुरू ग्रह का कुण्डली में मजबूत होना जरूरी है। 

6- अगर आप रेस्टोरेन्ट, सौन्दर्य प्रसाधन, शिल्प कार्य, साहित्य, फिल्म विज्ञापन, परिवहन विभाग की ठेकेदारी, वस्त्रों का व्यापार, हीरे का बिजनेस, सफेद वस्तुओं का कार्य, खनिज कार्य, पेन्टिंग, निर्माण कार्य, परिवहन विभाग, पर्यटन विभाग, रेसलिंग, टीवी शो, थियेटर, आदि से सम्बन्धित व्यवसाय करने के लिए शुक्र ग्रह का शुभ व बलवान आवश्यक होता है। 

7-यदि आप, ज्योतिष का कार्य, कर्मकाण्ड, लोहे का, वकालत, खनिज विभाग, तकनीकी कार्य, कृषि कार्य, काली वस्तुओं का व्यापार जैसे- तिलहन, काले तिल आदि, ट्रांसपोर्ट का कार्य, मुर्गी पालन, लकड़ी का कार्य, बिजली का कार्य, लोहे का कार्य, शिल्प कला का कार्य, कृषि कार्य, वाहन की ऐजेन्सी, मोटर पार्ट्स आदि के व्यवसाय करने के लिए शनि का शुभ और ताकतवर होना अति-आवश्यक है। 

ग्रहों के बलवान होने के साथ-साथ ग्रह किसी पाप भाव में पड़ा न हो, पाप ग्रहों से दृष्ट न हो, अस्त न हो, निर्बल न हो, नीच का न हो। द्वतीयेश, द्वतीय भाव, लाभ भाव, लाभेश, दशमेश व दशम भाव के साथ ग्रह सम्बन्ध होकर शुभ योग का निर्माण कर रहा हो तभी आप एक सफल बिजनेस मैन बन सकते है।

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