आमतौर पर अब तक हमने यही सुना है कि जिस व्यक्ति कि कुंडली में मंगलदोष होता है, उसे अपने जीवन मे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं उसकी शादी में भी कई तरह कि मुसीबतें पैदा होती है। लेकिन शास्त्र इस बात से भी अवगत कराता है, कि मांगलिक हमेशा अशुभ नहीं होता। इसका असर कभी-कभी शुभ भी होता है। ऐसे ही अगर कोई मांगलिक कन्या गर्भवती है, तो इससे उसको कई प्रकार से फायदा भी हो सकता है। जिसके बारे में आज हम आपसे चर्चा करने वाले हैं।
यदि मंगल का स्वामी बली हो और उसी भाव में बैठा हो, साथ ही सप्तमेश या शुक्र अशुभ भाव में ना हो, तो मंगल शुभ होता है।
यदि मंगल शुक्र की राशि में हों और सप्तमेश बलवान होकर केंद्र त्रिकोण में मौजूद हो, तो मंगल शुभ होता है।
यदि किसी की कुंडली में गुरु या शुक्र बलवान हो और यह गृह उच्च होकर सप्तम में हो तथा मंगल नीच राशि में हो।
मेष या वृश्चिक राशि का मंगल चतुर्थ में, कर्क या मकर का मंगल सप्तम में, मीन का मंगल अष्टम में तथा मेष या कर्क का मंगल द्वादश भाव में हो।
यदि मंगल स्वराशि और अपनी उच्च राशि में हो तो मंगली कन्या सौभाग्यशाली होती है।
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