नई दिल्ली. इनकम टैक्स के दायरे में न आने के लिए देश में करोड़ो लोग हाउस रेंट की रसीद का उपयोग करते है, इससे वे इनकम टैक्स के दायरे में आने से बच जाते है. किन्तु ऐसा भी होता है टैक्स का बोझ कम करने के लिए लोग फर्जी रसीदों का भी इस्तेमाल करते है. किन्तु अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लोगो से सबूत मांग सकता है कि वह सम्बंधित पार्टी का वैध किरायेदार है की नहीं.
कंपनी से हाउस रेंट अलाउंस पाने वाला कर्मचारी इस रकम के कम से कम 60 फीसदी हिस्से पर टैक्स देने से बच सकते है. इसके लिए कुछ शर्ते होती है अपनी रेंट रसीदे सबूत के तौर पर दिखाना. नए नियम के अनुसार, इनकम टैक्स का आकलन करने वाले अधिकारी लीज एंड लाइसेंस एग्रीमेंट, किराएदारी के बारे में हाउसिंग लेटर, वॉटर बिल और इलेक्ट्रिसिटी बिल मांग सकते हैं.
यह भी बता दे कि कुछ कंपनी ने कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस इसलिए खत्म कर दिया क्योकि वो अपनी मां के घर का किराया दे रहा था. कुछ मामलो में तो किराए बढ़ा कर दिखाई जाती है, इस स्थिति में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नया नियम बना कर शिकंजा कसा है.
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