वैश्विक वित्तीय सर्विस एजेंसी मॉर्गन स्टैनली ने भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 10 सालों के भीतर दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी होने की भविष्यवाणी की है. आपको बता दे कि स्टैनली ने बताया कि डिजिटलाइजेशन, वैश्विकीकरण और अन्य बदलाव व बेहतर डेमोग्राफिक्स इसके जिम्मेदार होंगे.
गौरतलब है कि मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक भारत की जीडीपी की विकास दर में बढ़ोत्तरी का ट्रेंड बना हुआ है. भारत की जीडीपी जहां 1990 के दशक में 5.8 फीसदी की दर से सालाना बढ़ रही थी. 2000 के दशक में यह 6.9 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. और अब एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि अगले दशक में यह ट्रेंड बना रहेगा और इससे भारतीय इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी.
बता दे कि मॉर्गन स्टैनली ने उम्मीद जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने में डिजिटलीकरण सबसे बड़ा भागीदार बनेगा. इससे जीडीपी ग्रोथ को 50-75 बीपीएस का सहयोग मिल सकता है. फर्म ने उम्मीद जताई है कि 2027 तक भारत की जीडीपी 390 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी. इसके साथ ही भारत को उच्च मध्यम आय का स्टेटस भी मिल जाएगा. वही उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का शेयर बाजार भी अगले 10 सालों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बन सकता है. इससे भारतीय बाजार की मार्केट कैप बढ़कर 6 खरब डॉलर अर्थात 390 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
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