मुंबई: भारत में इस समय त्योहारों का सीजन चल रहा है और लोगों में दीवाली को लेकर जमकर उत्साह भी है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस दिन लोग सट्टेबाजी और लॉटरी लगाने में ज्यादा रूचि लेते हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि देश में लोगों द्वारा त्योहारों पर जुआ और सट्टा जमकर खेला जाता है। जिससे कुछ लोगों को जहां फायदा होता है तो वहीं कुछ को नुकसान भी होता है।
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यहां बता दें कि हाल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि लॉटरी सट्टेबाजी और जुए के दायरे में आती है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें लॉटरी के टिकट की बिक्री पर शुल्क लगाया गया है। बता दें कि देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉटरी का चलन अधिक है और आम आदमी द्वारा इसे प्रतिदिन लगाया जाता है।
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गौरतलब है कि भारत में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसमें कहीं न कहीं जुआ, सट्टा, और लॉटरी जैसे अपराध भी शामिल हैं। वहीं वर्तमान समय में जो अपराध हो रहे हैं वे इसी के मद्देनजर किए जा रहे हैं। अधिकतर मामलों में लोगों की मौत का कारण जुआ और सट्टा ही होते हैं। वहीं महाराष्ट्र में भी कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया है। यहां बता दें कि जस्टिस एससी धर्माधिकारी और भारती डांगरे ने, पिछले सप्ताह मंगल मूर्ति मार्केटिंग कंपनी की तरफ से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महाराष्ट्र टैक्स ऑन लॉटरी एक्ट, 2006 की वैधता को चुनौती दी गई थी।
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