तिरुवनंतपुरम: देश में चल रहे चर्चित मामलों में से एक सबरीमाला मंदिर विवाद है और ये विवाद लगातार ही गर्माता जा रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर फैसला दिया था। जिसका केरल में जमकर विरोध दर्ज किया हुआ था। वर्तमान समय में भी मंदिर को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। हाल में उच्चतम न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले अपने 28 सितंबर के फैसले पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया है।
असम में राजनितिक पारी की शुरुआत करेगी तृणमूल, पंचायत चुनाव में उतारेगी उम्मीदवार
यहां बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध दर्ज कराया जा रहा है और मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सबरीमाला मामले में न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करने वाले वकील से 22 जनवरी तक इंतजार करने को कहा है। बता दें कि इस दिन कोर्ट मंदिर को लेकर लगी पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
अद्भुत: 3 साल की उम्र में सुनाता था स्वरचित कविता, 11 की उम्र में लिख डाली 60 किताबें
गौरतलब है कि अब सबरीमाला मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट को फैसला देना है और कोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद ही कुछ निर्णय देगी। वहीं केरल सरकार ने सबरीमाला मुद्दे पर बातचीत के लिए 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही भगवान अयप्पा के मंदिर में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कोर्ट ने आदेश में रजस्वला आयु वर्ग की सभी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद भी किसी महिला को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
खबरें और भी
सबरीमाला विवाद: जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सबरीमाला विवाद: आज मंदिर में प्रवेश करेगी 30 वर्षीय महिला, पुलिस से मांगी हिफाजत
सबरीमाला मंदिर विवाद: हिंदू संगठन बोले- रिपोर्टिंग के लिए महिला पत्रकारों को न भेजे मीडिया