नई दिल्ली: देश में सबसे चर्चित मामलों में से एक सबरीमाला मंदिर विवाद है। जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था। जिस पर केरल में जमकर विरोध दर्ज हुआ था और साथ में स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर के इस फैसला को भी स्वीकार नहीं किया गया था। हाल में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सबरीमाला मंदिर पर जारी विवाद को लेकर सुनवाई होनी है और कोर्ट आज अपने पूर्व में दिए फैसले पर पुनर्विचार करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में लगभग 45 याचिकार्ताओं ने कोर्ट से अपने पूर्ववर्ती फैसले पर दोबारा से विचार करने का आग्रह किया है। जिस पर मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ सुनवाई करेगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दो महीने पहले सभी उम्र की महिलाओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए थे। वहीं केरल में कोर्ट के इस फैसले का दक्षिण पंथी कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर के कपाट बीते दिनों खोले गए थे, जिसके बाद भी स्थानीय लोगों और मंदिर के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध किया गया था। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने सदियो से चली आ रही परंपरा के खिलाफ आए कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। बता दें कि चार दिन पहले ही मंदिर तीन महीने तक चलने वाली वार्षिक यात्रा के लिए खुलने वाला है। इसके अलावा याचिकार्ताओं का तर्क है कि आस्था को वैज्ञानिक ढंग द्वारा तय नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं को इसलिए मंदिर में आने की इजाजत नहीं है क्योंकि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे।
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