नई दिल्ली: भारत में बनने वाले स्टेंट्स की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद पर एक खबर सामने आई है। यहां बता दें कि एक शोध में यह बात सामने आई है कि भारत में बनने वाले स्टेंट्स दुनिया के बेहतरीन स्टेंट्स में से एक हैं। लगभग 10 सालों तक इस पर शोध किया गया जिसके नतीजे सोमवार को आए हैं। वहीं शोध में बताया गया है कि भारतीय स्टेंट यूकोन च्वाइस पीसी के क्लिनिकल नतीजे, अमेरिकी कंपनी ऐबट के जियेंस स्टेंट जितने ही अच्छे हैं। अमेरिकी कंपनी को स्टेंट बाजार का नायक माना जाता है।
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यहां बता दें कि दो महीने पहले भी इसी तरह का एक शोध किया गया था। जिसके नतीजों से पता चला था कि भारतीय सुप्रा फ्लेक्स स्टेंट भी जियेंस जितने अच्छे हैं। शिकागो में हुए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र के दौरान जर्मनी के कार्डियोलॉजिस्ट्स ने 2,603 मरीजों पर किए गए शोध के नतीजे बताए। इसमें दो नई जनरेशन स्टेंट से मरीजों का इलाज किया गया था। इसमें एक जियेंस और दूसरा यूकोन च्वाइस का था।
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गौरतलब है कि एएचए जर्नल में प्रकाशित शोध के नतीजे बताते हैं कि दोनों ही स्टेंट के नतीजों के परिणामों में किसी भी तरह का कोई अतंर देखने को नहीं मिला। फरवरी 2017 में केंद्र सरकार ने स्टेंट की कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कीमतें तय कर दी थीं जिसके बाद दवाई छोड़ने वाले स्टेंट की कीमतों में तीन-चौथाई की कमी आई थी। इसके बाद कई अतंरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारतीय बाजारों से अपना स्टेंट वापस लेने की धमकी दी थी। वहीं अतंरराष्ट्रीय कंपनियों का कहना था कि भारतीय स्टेंट की तुलना में उनके स्टेंट ज्यादा बेहतर हैं। इसी वजह से उनकी कीमतें ज्यादा होनी चाहिए।
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