भुवनेश्वर: भारत में पहले ही बाघों की संख्या कम हो रही है। इसके बावजूद भी बाघों के मरने पर रोक नहीं लग पा रही है। जानकारी के अनुसार बता दें कि ओडिशा के सतकोसिया वन्यजीव अभयारण्य के अंदरूनी क्षेत्र में एक बाघ रॉयल बंगाल टाइगर मृत पाया गया है। यहां बता दें कि इस तरह से मृत मिले बाघ को देखकर वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
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यहां बता दें कि इस बाघ को अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण के तहत यहां लाया गया था। वहीं एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि पोस्टमार्टम होने के बाद ही तीन साल के बाघ की मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एस सी महापात्रा ने बताया कि हां, बाघ की मौत हुई है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और जल्दी ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य मौजूद रहेंगे।
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गौरतलब है कि इस बाघ को मध्यप्रदेश के कान्हा बाघ अभयारण्य से 21 जून को यहां लाया गया था और सात जुलाई को जंगल में छोड़ा गया था। उसके गले में रेडियो कॉलर भी लगा हुआ था जिससे उसकी गतिविधियों का पता लगाया जा सके। वहीं वन अधिकारी ने बताया कि रेडियो कॉलर के सिग्नल से बुधवार को संकेत मिला था कि उसकी गतिविधियां बंद हो गई हैं।
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