अंतरिक्ष के सशस्त्रीकरण के खिलाफ भारत ने कहा है कि अंतरिक्ष को विवाद का क्षेत्र नहीं बनना चाहिए. इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरिक्ष आधारित संपत्तियों की रक्षा और सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए समेकित प्रयास करने पर भी जोर दिया है. जेनेवा में निरस्त्रीकरण पर आयोजित सम्मेलन में भारत के स्थाई मिशन की काउंसलर रचिता भंडारी ने संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण आयोग (यूएनडीसी) के सत्र में मंगलवार को कहा कि बीते 18 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा जब अंतरिक्ष के नए एजेंडे पर चर्चा शुरू होगी.
उन्होंने कहा कि कहा कि भारत मानता है कि अंतरिक्ष को विवाद का विषय बनने की जगह इसे सहयोग का स्थाई मोर्चा होना चाहिए. अंतरिक्षीय गतिविधियों में दिलचस्पी रखने के नाते हम अंतरिक्ष के सशस्त्रीकरण का विरोध करते हैं. गौरतलब है कि अंतरिक्ष पर सरकारी विशेषज्ञों की इस साल अगस्त में जेनेवा में बैठक होने वाली है.
सरकारी विशेषज्ञों के इस समूह को अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाध्यकारी समझौता तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गौरतलब हैं कि अमरीका, चीन, जापान सहित दुनिया के ज्यादातर विकसित देश इन दिनों अंतरिक्ष में मानव जीवन की संभावना से जुड़े कई तथ्यों पर खुद को मजबूत कर आगे बढ़ने की कवायद में जुटे है. इसी क्रम में भारत ने यह महत्वपूर्ण विचार साँझा किये है.
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