विदेशों में भारतीयों द्वारा जमा काला धन का पता लगाने के लिए भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड के साथ एक करार किया है इस करार के बाद एक जनवरी 2018 के बाद दोनों देशों के बीच कर संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।
इनकम टैक्स की नीति बनाने वाले शीर्ष निकाय ने कहा है कि इस करार पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा तथा भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत एंड्रेयास बाउम ने यहां नार्थ ब्लाक में हस्ताक्षर किए.
दोनों देशों के बीच 2018 से वैश्विक मानदंडों के अनुरूप आंकड़ों का संग्रहण शुरू कर सकेंगे और साल 2019 से इनका आदान प्रदान किया जा सकेगा। दोनों देशों के इस करार के बाद किसी भी भारतीय के लिए स्विट्जरलैंड में टैक्स का पैसा जमा करना आसान नहीं होगा।
आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच ये करार नार्थ ब्लाक में साइन हुआ। इस बार विपक्षी पार्टियों ने स्विट्जरलैंड के बैंकों में काला धान होने के आरोप लगाए थे। स्विट्जरलैंड ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, संदिग्ध काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था को मंजूरी दे दी है।
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