भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच अनिल कुम्बले का कहना है कि 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में मिली रोमांचक जीत ने भारतीय क्रिकेट में एक क्रांतिकारी बदलाव को अंजाम दिया. एक इवेंट के दौरान कुम्बले ने कहा कि, इस मैच में जीत के बाद भारतीय टीम ने अपनी असल काबिलियत को पहचाना और देश के अलावा विदेशों में भी शानदार प्रदर्शन को दोहराया. आपको बता दें कि कुब्ले ने ये बातें उनकी किताब 'हिट रिफ्रेश' पर विशेष परिचर्चा सत्र के दौरान कहीं. इस दौरान जब कुंबले से पूछा गया कि, भारतीय क्रिकेट में ऐसा कौन सा पल रहा है, जिसने देश में क्रिकेट की तस्वीर को बदल दिया. तो उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में खेली गई 2001 टेस्ट सीरीज का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि, 'जब मैं बड़ा हो रहा था, तब 1983 वर्ल्ड कप की जीत काफी बड़ी थी. उसी से हम सभी को प्रेरणा मिली और यह सोचने लगे की आप अपने देश के लिए खेल सकते हो और दूसरी टीमों को हरा सकते हो. लेकिन अगर आप मुझसे भारतीय क्रिकेट का हिट रिफ्रेश मोमेंट पूछते हैं, तो भारत और ऑस्ट्रेलिया की 2001 में भारत में खेली गई सीरीज है.'
टेस्ट क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट लेने वाले कुंबले ने कहा कि, 'हम वो सीरीज जीते थे. मैं चोट के कारण उस सीरीज में नहीं था, लेकिन हमें वहां से पता चला था कि हमारे अंदर कितनी काबिलियत है. हम पहला टेस्ट हार चुके थे. दूसरे टेस्ट मैच में कोलकाता में उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी थीं, लेकिन इसके बाद द्रविड़ और लक्ष्मण ने रिकॉर्ड साझेदारी की और हम वो टेस्ट मैच जीत गए. '
कुंबले ने कहा, 'इसके बाद हमने सीरीज पर कब्जा जमाया. तो मेरे लिए मेरी पीढ़ी में वह हिट रिफ्रेश मोमेंट था. इसके बाद 2002 में हमने इंग्लैंड का दौरा किया. वहां हेडिंग्ले में हमने टॉस जीता, हरे विकेट पर पहली पारी में 600 से अधिकर रन बनाए. तब हमें लगा जो हम एक बार कर सकते हैं वो बार-बार कर सकते हैं.'
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