बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की एक और चर्चित व दिग्गज हस्ती अब हमारे बीच में नहीं रही है. हम बात कर रहे है जीन रेनॉयर, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन जैसे दिग्गजों के साथ काम कर चुके देश के सबसे बुजुर्ग छायाकार रामानन्द सेन गुप्ता के बारे में जिन्होंने बुधवार को कोलकाता में अपने जीवन की अंतिम सांस ली. उनके निधन की जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी है. आपको बता दे कि, देश के सबसे बुजुर्ग छायाकार रामानन्द सेन गुप्ता जो के 101 वर्ष के थे और उनके एक बेटे हैं.
ढाका में आठ मई, 1916 को जन्मे सेनगुप्ता ने शांति निकेतन से शिक्षा ली. उन्हें 1938 में कोलकाता (तब कलकत्ता) में फिल्म कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया के लिए सहायक कैमरामैन के रूप में पहला ब्रेक मिला. पूर्णकालिक छायाकार के रूप में उनकी पहली फिल्म वर्ष 1947 में ‘पूरबाराग’ थी.
यह अर्धेदू मुखर्जी द्वारा निर्देशित है. सेनगुप्ता दक्षिण कोलकाता के टॉलीगंज में टेकनीशियन्स स्टूडियो के संस्थापक सदस्य रहे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेनगुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मौत से फिल्मों की दुनिया में अपूरणीय क्षति हुई है. उन्होंने कहा, “मैं प्रार्थना करती हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले.उनके परिवार के प्रति मेरी सहानुभूति है.”
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