भोपाल : अरुणाचल प्रदेश की वांग्चो जनजाति जो अब जल्द ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय का हिस्सा बनने जा रही है, अब उनका घर आप यहाँ देख सकते हैं. इस जनजाति के कुछ लोग तो अरुणाचल से लगे बर्मा में भी रहते हैं। ये जनजाति लोगों के सिर कलम करने की अपनी रीति के कारण जानी जाती है. इसके पीछे उनकी अपनी मान्यता थी कि इससे फसल की पैदावार बढ़ती है। प्राचीन काल में इस जनजाति के लोग दूसरे गांव पर आक्रमण कर वहां के लोगों का सिर काट देते थे.
वांग्चो जनजाति
ये जनजाति मंगोलिया से आयी हैं।
वांग्चो जनजाति अरुणाचल प्रदेश के अलावा नागालैंड और बर्मा में भी रहते हैं.
हेड हंटिंग वार के लिए ये जनजाति फेमस है.
इसकी मान्यता है की फसल की पैदावार इस रीति से काफी बढ़ जाती है.
मानव खोपड़ी की सुरक्षा
वांग्चो समुदाय द्वार काटे जाने वाले सिर अपने गांव लाये जाते थे।
विशेष तौर पर तैयार किए गए घर में मानव सिर को रखा जाता था.
मानव सिर काटने के बाद एक जश्न होता था।
लड़ाई का हिस्सा रहे वीरों के शरीर पर गुदना गोदा जाता था और इसे गनटंग कहते थे.
हलाकि अब इस पर प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है.