नई दिल्ली. दिल्ली स्थित रोहिणी के एक आश्रम में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से बंधक बनाकर रखे जाने के मामले में, दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश देते हुए तीन हफ्तों के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है.
हाई कोर्ट ने पुलिस को रोहिणी के ‘आध्यात्मिक विश्व विद्यालय’ नामक आश्रम के परिसर की जांच करने का आदेश देते हुए कहा था कि “यह बेहद खतरनाक है कि भगवान के संबंध में शिक्षा देने के नाम पर बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा गया है.” पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने बताया कि जब वे जांच के लिए आश्रम गए तो आश्रम के कुछ कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और करीब एक घंटे तक उन्हें बंधक बनाए रखा. उन्होंने बताया, “आश्रम में 100 से ज्यादा लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है और उनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं. उन्हें जानवरों की तरह लोहे की सलाखों के पीछे रखा गया था, जो कांटेदार बाड़े से घिरी हुई थीं. बच्चियों के नहाने के दौरान भी कोई निजता प्राप्त नहीं थी.”
फाउंडेशन फोर सोशल इम्पावरमेंट नाम के एनजीओ ने आश्रम के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कहा कि एक दंपति ने पुलिस में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई लेकिन अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. उसने एक लड़की को अदालत में पेश कर कहा कि वह किसी तरह आश्रम से बाहर निकल गई. इसके बाद मामले की जांच की गई.
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