डबलिन: आयरलैंड में शनिवार को गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए मतदान किया गया, 66.4 फीसद लोगों ने माना कि गर्भपात पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया जाना चाहिए, जबकि 33 प्रतिशत लोग गर्भपात पर प्रतिबन्ध को लागु रखने के पक्ष में थे. यह मुहीम आयरलैंड में इसलिए चली क्योंकि एक भारतीय महिला की गर्भपात की इजाजत न मिलने पर उसकी मौत हो गई थी.
आयरलैंड में भारतीय दंतचिकित्सक सविता हलप्पनवार को 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद से ही देश में गर्भपात पर चर्चा छेड़ दी. सविता के पिता आनंदप्पा यालगी ने कर्नाटक स्थित अपने घर से कहा कि उन्हें आशा है कि आयरलैंड की जनता उनकी बेटी को याद रखेंगी. स्थानीय मीडिया ने बताया कि आयरलैंड में अब तक सिर्फ जान को खतरा होने पर ही गर्भपात की इजाजत थी, लेकिन बलात्कार के मामले में गर्भपात की मंजूरी नहीं है.
भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वरदकर ने शनिवार को जनमत संग्रह के नतीजों की घोषणा की. वरदकर ने कहा, “लोगों ने अपनी राय जाहिर कर दी. उन्होंने कहा है कि एक आधुनिक देश के लिए एक आधुनिक संविधान की जरूरत है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि आयरलैंड के मतदाता, “महिलाओं के सही निर्णय लेने और अपने स्वास्थ्य के संबंध में सही फैसला करने के लिए उनका सम्मान और उन पर यकीन करते हैं." उन्होंने कहा कि हमने जो देखा वह आयरलैंड में पिछले 20 साल से हो रही शांत क्रांति की पराकाष्ठा है.
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