धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रह हर मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं और हिन्दू धर्म में भी ग्रहों का विशेष महत्व माना गया है। हर ग्रह का अपना अलग महत्व होता है जिसमें मंगल ग्रह यानि की लाल ग्रह जिसको काफी उग्र ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन यह ग्रह जितना उग्र होता है अगर उतना ही यह प्रसन्न हो जाए तो समझ लो कि आपकी किस्मत ही बदल गई। हिन्दू धर्म में मंगल ग्रह कि उत्पत्ति की विभिन्न कथाएं प्रचलित हैं। आज हम आप से मंगल ग्रह के प्रभावों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। यहां पर हम जानेंगे कि आपके जीवन में मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव पड़ रहा है या फिर अशुभ। तो चलिए जानते है?
सूर्य और बुध मिलकर शुभ मंगल बन जाते हैं। दसवें भाव में मंगल का होना अच्छा माना गया है। मंगल प्रधान व्यक्ति में नेतृत्व क्षमता अच्छी होती है। ये पराक्रमी और साहसी होते हैं। मंगल नेक सेनापति का स्वभाव रखता है। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय और ईमानदार रहता है। शुभ हो तो साहसी सैन्य अधिकारी बनता है या किसी कंपनी में लीडर या फिर श्रेष्ठ नेता।
मंगल अच्छाई पर चलने वाला ग्रह है किंतु मंगल को बुराई की ओर जाने की प्रेरणा मिलती है तो यह पीछे नहीं हटता और यही उसके अशुभ होने का कारण है। इनकी आंखें लंबी और त्वचा तांबई रंग लिए होती है। ऐसे व्यक्ति में स्वाभिमान होता है और यह भीड़ में पहचाने जा सकते हैं।
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