अगर किसी भी प्रकार की समस्या जैसे, घरो में धन की कमी होना, घर के सदस्यों का मानसिक संतुलन ठीक न होना घर के सदस्यो का तनाव में होना और तनाव की वजह से घरों में कलह होना और भी ऐसी कई प्रकार की परेशानी है जो हमें झेलनी पड़ती है हम आपको बता दें की इन सब परेशानियों का कारण आपके घर में ही हो सकता है यदि इन परेशानियों का निवारण नहीं किया जाता है तो परेशानियाँ और बढती जाती है-
वास्तु शास्त्र के मुताबिक यदि किसी के घर के मंदिर में कोई अनावश्यक वस्तु रखी हो तो अशुभ हो सकता है इसलिए घर के मंदिर में वास्तु के मुताबिक ही घर के मन्दिर को सजाना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) दिशा में होना चाहिए, क्योंकि इस कोण में बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके पूजा करने से स्वर्ग में स्थान मिलता है, इसका कारण है की इस दिशा में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। दरअसल, ईशान कोण सात्विक ऊर्जाओं का प्रमुख स्त्रोत है.
घर के मंदिर में पूजा करने के लिए शंख रखना चाहिए शुभ फल मिलता है लेकिन ध्यान रहे की पूजा घर में दो शंख नहीं रहने चाहिए दो शंख रहने से उसका विपरीत अशुभ फल मिलेगा इसलिए एक ही शंक रखें.
शास्त्रों के मुताबिक घरो में किसी भी प्रकार की टूटी, दरारे पड़ी या किसी भी प्रकार की क्षति पहुची हुई मूर्ति न रखें क्योकि खंडित मूर्ति की पूजा करने से तथा खंडित मूर्ति को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
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