मानव शरीर पंचतत्वों से बना हुआ है, इसमें हर रोज व हर पल न जाने कितनी ही क्रियांये होती रहती हैं, जिसमें से एक क्रिया क्रोध की है। कभी-कभी क्रोध इंसान पर इतना ज्यादा हावि हो जाता है कि वह उस पर कंट्रोल नहीं कर पाता। और उसी क्रोध की वजह से वह कई बार गलत कदम भी उठा लेता है। इसलिए जरूरी है कि हम इस क्रोध पर नियंत्रण रखें। अब अगर आप भी अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, तो यहां पर आज हम आपसे इसी नियंत्रण के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जिसे जानकर आप अपने क्रोध को काबू में कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस नियंत्रण के बारे में..
यदि घर के किसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख को साफ कर उसमें जल भरकर उसे पिला दें। यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण आपस में तनाव रहता हो, तो पूर्णिमा के दिन कदंब वृक्ष की सात अखंड पत्तों वाली डाली लाकर घर में रखें। अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली कदंब वृक्ष के पास छोड़ आएं और नई डाली लाकर रखें। यह क्रिया इसी तरह करते रहें, तनाव कम होगा साथ ही घर के सदस्य क्रोधित नहीं होंगे।
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